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CG में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर शिक्षकों में आक्रोश, सर्व शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन

 

बिलासपुर : जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। प्रक्रिया में अनियमितता और अफसरों की मनमानी के आरोप लगाते हुए सर्व शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने युक्तियुक्तकरण में हुई गड़बड़ियों के दस्तावेज भी प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किए।

शिक्षकों की मांग: अभ्यावेदनों का निराकरण हो

संघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनेकों शिक्षक पहले ही अभ्यावेदन (आपत्ति आवेदन) प्रस्तुत कर चुके हैं, लेकिन उन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके विपरीत उन्हें एकतरफा रिलीव कर नए स्थान पर कार्यभार संभालने का दबाव डाला जा रहा है। जिला स्तर पर शिक्षकों को 9 जून और संभाग स्तर पर 11 जून तक कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य कर दिया गया है।

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35 शिक्षकों के नाम राज्य स्तर पर भेजे गए

जिले और संभाग स्तर पर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और 35 शिक्षकों के नाम राज्य स्तर पर भेजे गए हैं, जहां से उन्हें नए स्थानों पर पदस्थ किया जाएगा। वहीं, संभागीय काउंसलिंग के दौरान 7 शिक्षक अनुपस्थित रहे और 3 शिक्षकों ने प्रक्रिया से असहमति जताते हुए आवेदन दिया। अब इन 10 शिक्षकों की पदस्थापना शिक्षा विभाग अपने विवेक से करेगा, और समय पर कार्यभार न ग्रहण करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

शिक्षकों को नहीं दी जा रही स्पष्ट जानकारी

संघ ने यह भी आरोप लगाया कि जो शिक्षक संभाग स्तर की प्रक्रिया से बचकर सीधे राज्य स्तर पर पहुंचे हैं, उनकी पदस्थापना कहां की जाएगी, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

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दस्तावेजों के बावजूद कार्रवाई नहीं

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कहा कि बिलासपुर जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गंभीर विसंगतियां हैं, और इसके दस्तावेजी सबूत भी पेश किए जा चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा, जबकि कलेक्टर ने पहले भरोसा दिलाया था कि प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। संघ ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों पर जांच के आधार पर कार्रवाई की जाए, ताकि शिक्षकों को न्याय मिल सके।

न्याय और पारदर्शिता की मांग

संघ ने स्पष्ट किया कि यह केवल तबादलों का मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और शिक्षकों के सम्मान का सवाल है। उन्होंने सभी अभ्यावेदनों का नियमानुसार निराकरण कर संबंधित शिक्षकों को कॉपी प्रदान करने की भी मांग की है।

 

 

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