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मानसून के साथ लौटा प्राकृतिक झरनों का सौंदर्य, छत्तीसगढ़ के जलप्रपात पर्यटन का केंद्र

The beauty of natural waterfalls returns with the monsoon, Chhattisgarh's waterfalls are the center of tourism

रायपुर रिपोर्टर:- सुधीर वर्मा

जैसे ही मानसून की पहली बारिश धरती पर गिरती है, वैसे ही प्रकृति मुस्कुराने लगती है। हरियाली से ढकी वादिया, बहते झरने और कल-कल करती नदिया मन को मोह लेती हैं। छत्तीसगढ़ में भी मानसून का आगमन प्राकृतिक झरनों की सुंदरता को पुनर्जीवित कर देता है। ऐसे में पर्यटक बड़ी संख्या में इन जलप्रपातों की ओर रुख करते हैं।

जानिए राज्य के पांच ऐसे जलप्रपातों के विषय में जो मानसून के आते ही पर्यटन का एक प्राकृतिक केंद्र बन जाते हैं। हर वर्ष मानो लोगों में मानसून शुरू होने का इंतजार ही रहता है। और जैसे ही जलप्रपातों में पानी भरता है, वैसे ही बड़ी संख्या में पर्यटन की दृष्टि में से लोग इन जलप्रपातों ओर  झरनों की ओर रुख करते हैं।

छत्तीसगढ़ के 5 प्रमुख जलप्रपात जो बरसात में देखते ही बनते हैं…

1. चित्रकूट वाटरफॉल – “भारत का नियाग्रा”

बस्तर जिले में स्थित यह झरना इंद्रावती नदी पर बना हुआ है और अपनी चौड़ाई और विशाल प्रवाह के लिए प्रसिद्ध है। मानसून में इसका रूप अत्यंत भव्य हो जाता है, जब यह पूरे वेग से बहता है और नियाग्रा फॉल की याद दिलाता है।

2. तीरथगढ़ वाटरफॉल – सीढ़ीदार सौंदर्य

जगदलपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना खासतौर पर अपनी सीढ़ीदार संरचना के लिए जाना जाता है। यह कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर आता है और मानसून में यहां का दृश्य अत्यंत रमणीय हो जाता है।

3. महादेव घुमर वाटरफॉल – शांति और सुकून का संगम

यह अपेक्षाकृत कम भीड़-भाड़ वाला स्थल है, जहाँ प्रकृति की शांति को नजदीक से महसूस किया जा सकता है। हरियाली से घिरे इस झरने की फुहारें मानसून में रोमांचक अनुभव प्रदान करती हैं।

4. रानीदाहरा वाटरफॉल – जंगलों के बीच छुपा खजाना

यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच स्थित है, जो इसे और भी रहस्यमय और सुंदर बनाता है। साहसिक यात्रियों और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए यह एक आदर्श स्थल है।

5. मेंहदी घूमर वाटरफॉल – मौसमी मगर मोहक

चित्रकूट के रास्ते में पड़ने वाला यह झरना विशेष रूप से मानसून में सक्रिय होता है। हालांकि यह मौसमी है, फिर भी इसकी सुंदरता किसी स्थाई झरने से कम नहीं होती।

पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण

मानसून में इन जलप्रपातों की खूबसूरती कई पर्यटकों को आकर्षित करती है। राज्य पर्यटन विभाग भी इन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं में सुधार कर रहा है। इन प्राकृतिक स्थलों की देखरेख और स्वच्छता बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे।

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