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छत्तीसगढ़ की IAS श्रृचा शर्मा ने ग्लासगो में लहराया भारत का परचम, जलवायु परिवर्तन वार्ता कॉप-26 में रखा बेसिक देशों का पक्ष, कहा- विकसित देश निभाएं जलवायु वित्त पोषण की जिम्मेदारी..

रायपुर- भारत सरकार के पार्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर पदस्थ छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अधिकारी श्रृचा शर्मा ने ग्लासगो में चल रहे जलवायु परिवर्तन वार्ता कॉप-26 के स्टॉक टेकिंग सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए बेसिक समूह के चार देश ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन तथा भारत की ओर से पक्ष रखा।

कॉप-26 के दौरान भारत के नेतृत्व में ‘बेसिक’ देशों की प्रतिनिधि के तौर पर श्रृचा शर्मा ने जलवायु वित्त पोषण को लेकर विकसित देशों को आड़े हाथों लिया। भारत की ओर से श्रृचा शर्मा ने कहा कि यदि विकसित देश जलवायु वित्त पोषण की अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे तो विकासशील देशों के बढ़े हुए उत्सर्जन एवं नेट जीरो लक्ष्य खतरे में पड़ सकते हैं। क्योंकि वित्त के बगैर उन्हें पूरा करना संभव नहीं होगा।

भारत की मुख्य वार्ताकार तथा पर्यावरण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव ऋचा शर्मा ने कॉप-26 के स्टॉक टेकिंग सत्र में कहा कि ज्यादातर देशों ने अपने कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों में बढ़ोतरी की है। भारत समेत कई देशों ने नेट जीरो का भी ऐलान किया है। एक तरफ जहां विकासशील देश अपने लक्ष्यों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, वहीं विकसित देश एक दशक पहले तय की हुई 100 अरब उॉलर की राशि का भी इंतजाम जलवायु खतरों से निपटने के लिए नहीं कर पा रहे हैं। न तो अब तक यह राशि एकत्र हुई है और न ही राष्ट्रों को प्रदान की गई है।

श्रृचा शर्मा ने कहा कि यह राशि एक दशक पहले तय हुई थी और तब लक्ष्य भी अलग थे। लेकिन आज जब देशों ने अपने लक्ष्य बढ़ा दिए हैं, वे नेट जीरो के लिए कार्य कर रहे हैं तो इस राशि को बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2025 तक विकसित देश इसके लिए नए वित्तीय लक्ष्य की घोषणा करें।

उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय मदद करना विकसित देशों की जिम्मेदारी है। क्योंकि जलवायु वित्तपोषण के बगैर नए जलवायु लक्ष्यों की प्राप्त खतरे में पड़ सकती है इसलिए विकसित देश जलवायु वित्तपोषण की राशि में इजाफा करें और उसे विकासशील देशों तक पहुंचाना भी सुनिश्चित करें।

वैसे भी ऐतिहासिक रूप से यह विकसित देशों की जिम्मेदारी है क्योंकि मौजूदा खतरे के लिए वे ज्यादा जिम्मेदार हैं। इसलिए बेसिक देश इस मामले में विकसित देशों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।

गौरतलब हो कि ऋचा शर्मा 94 बैच की छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अधिकारी है और केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वे छत्तीसगढ़ में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव की जिम्मेदारी संभाल रही थी।

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