छत्तीसगढ़ की होनहार बाल नृत्यांगना इशिता कश्यप को मिला “इंडिया स्टार पैशन अवॉर्ड 2025” और “इंटरनेशनल किड्स आइकन अवॉर्ड””

छत्तीसगढ़ की बेटी और प्रतिभाशाली बाल नृत्यांगना इशिता कश्यप ने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्हें हाल ही में इंडिया स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा आयोजित समारोह में “इंडिया स्टार पैशन अवॉर्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही उन्हें “इंटरनेशनल किड्स आइकन अवॉर्ड” भी प्रदान किया गया, जो उनकी प्रतिभा और निरंतर साधना का प्रमाण है।
8 वर्षों की कठिन साधना, 50 से अधिक मंचों पर प्रस्तुति
महज 8 वर्ष की उम्र से इशिता कथक नृत्य की साधना कर रही हैं। अब तक उन्होंने देश-विदेश के लगभग 45 से 50 प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया है। इशिता का नृत्य भाव, लय, ताल और रस का अद्भुत संगम होता है, जिसमें परंपरा और नवाचार का संतुलन साफ झलकता है। उनके “200 चक्करों” की प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिली पहचान
इशिता को अब तक कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रतिभा परिज्ञान पुरस्कार
- प्रणवम प्रतिभा सम्मान
- कला संस्कृति सम्मान
- राष्ट्रीय कला विभूति सम्मान
- इंटरनेशनल किड्स आइकन अवॉर्ड
- दुबई व मलेशिया में गोल्ड मेडल
- पाली महोत्सव व संस्कार भारती के मंचों पर सम्मान
हाल ही में इशिता का चयन भारत सरकार की जूनियर स्कॉलरशिप 2024 के लिए भी हुआ है, जो कला के क्षेत्र में उनकी योग्यता को मान्यता देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।
कला को आत्मसात कर बनाई विशिष्ट पहचान
इशिता कहती हैं, “कला केवल प्रदर्शन नहीं, साधना है। मैंने बचपन से ही इसे आत्मसात किया है और यह मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। मेरा सपना है कि मैं एक प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना बनूं और भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाऊं।”
समाज के लिए बनी प्रेरणा
इतनी कम उम्र में इतनी ऊंची उपलब्धियों को छूने वाली इशिता कश्यप आज कला जगत ही नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उनके अनुशासन, समर्पण और मेहनत की कहानी हर उस बच्चे के लिए प्रेरक है जो किसी कला में भविष्य देखता है।