
रायपुर : मंत्रालय में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हो रही है, और इसी बैठक से छत्तीसगढ़ के हजारों कर्मचारियों और शिक्षकों को बड़ी उम्मीद बंध गई है। दरअसल, लंबे समय से लगे ट्रांसफर बैन को हटाए जाने की अटकलें तेज़ हो गई हैं, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक के एजेंडे में ट्रांसफर बैन का मुद्दा शामिल है या नहीं।
सुबह से ही कर्मचारियों और शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुपों में इस विषय को लेकर पोस्ट और चर्चाएं तेज हो गई हैं कि आज की बैठक में ट्रांसफर पर से प्रतिबंध हटाया जा सकता है।
दो दशक से जारी है बैन
छत्तीसगढ़ में बीते दो दशकों से नियमित ट्रांसफर पर बैन लगा हुआ है। हालांकि, बीच-बीच में कुछ चुनिंदा ट्रांसफर मुख्यमंत्री की विशेष अनुमति (समन्वय) से किए जाते हैं। इस प्रक्रिया में फाइलें विभागों से होते हुए मुख्य सचिव और फिर मुख्यमंत्री तक जाती हैं, जहां आवश्यकता के अनुसार अनुमोदन मिलता है।
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क्यों तेज हुई चर्चा?
ट्रांसफर बैन को लेकर चर्चा इसलिए तेज हुई है क्योंकि साल 2022 में पिछली कांग्रेस सरकार ने एक महीने के लिए बैन हटाया था, लेकिन इसके बाद 2023 के चुनावी वर्ष और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के चलते बैन नहीं खोला गया। अब बीजेपी सरकार बनने के बाद भी अब तक बैन बरकरार है।
राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो साल 2025 और 2026 ट्रांसफर बैन हटाने के लिए सबसे उपयुक्त समय माने जा रहे हैं, क्योंकि 2027 में अगर यह प्रक्रिया शुरू होती है तो उसका असर सीधे 2028 के विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। यही कारण है कि बीजेपी के भीतर से भी दबाव बढ़ रहा है कि बैन हटाया जाए।