
रायपुर: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ बीजेपी नेता और आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ प्रधानमंत्री को भेजे गए एक शिकायती पत्र को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। हिंदू जनजागृति समिति के छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य समन्वयक सुनील घनवट ने साफ किया है कि इस पत्र में उनके नाम और हस्ताक्षर का फर्जी तरीके से उपयोग किया गया है।
प्रेस वार्ता के दौरान घनवट ने कहा कि यह पूरा मामला मंत्री और बीजेपी को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने बताया कि उनके नाम से 29 अप्रैल को एक फर्जी पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा गया था, जिसमें मंत्री रामविचार नेताम, राकेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल और सुनील अग्रवाल पर आदिम जाति कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
घनवट ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा और पत्र में किया गया हस्ताक्षर फर्जी है। उन्होंने इसे हिंदुत्व के खिलाफ एक सुनियोजित प्रयास करार देते हुए कहा, “मैं हमेशा हिंदू राष्ट्र और हिंदुत्व के लिए कार्य करता आया हूं, हो सकता है इससे चिढ़कर किसी ने यह हरकत की हो।”
इस फर्जीवाड़े को लेकर 12 जून को उन्होंने पुणे पुलिस कमिश्नर ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई है, और मामले की जांच की मांग की है। सोशल मीडिया पर यह पत्र बीते कुछ दिनों से काफी वायरल हो रहा था, जिससे राज्य की सियासत में भी हलचल मची हुई थी। अब घनवट के खुलासे के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है।