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मन की बात कार्यक्रम का आज हुआ 123 वा प्रसारण, प्रधानमंत्री ने किया देशवासियों को संबोधित

Today was the 123rd broadcast of Mann Ki Baat programme, the Prime Minister told the countrymen

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देश के करोड़ों भारतीयों से जुड़ने का एक माध्यम बन चुका है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 123वीं बार देशवासियों से इस खास कार्यक्रम के जरिए संवाद किया।

देश के प्रधानमंत्री मंत्री ने देश की जनता को संबोधित करते हुए बताया कि। मन की बात का यह एपिसोड ऐसे वक्त में आ रहा है। जब देश हाल ही में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सफलता का जश्न मना चुका है, भारतीय मूल का एक अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंच चुका है और जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत ट्रेन की पहली सेवा शुरू हो चुकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री इन सभी महत्वपूर्ण घटनाओं पर अपनी बात रखी।

*मन की बात* एपिसोड 123 की मुख्य बातें…

*अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता और संदेश*

प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून को मनाए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता पर बात की और इसकी थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ को विशेष बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को दर्शाने वाली दिशा है। योग के जरिए हम न केवल शरीर और मन को संतुलित करते हैं, बल्कि धरती और स्वास्थ्य के प्रति वैश्विक जिम्मेदारी भी निभाते हैं। पीएम मोदी ने बताया कि इस बार चेनाब ब्रिज जैसे दुर्गम स्थान से लेकर न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और पेरिस जैसे बड़े शहरों तक योग दिवस की तस्वीरें सामने आईं। हर तस्वीर में एक खास बात थी – शांति, स्थिरता और संतुलन। गुजरात के वडनगर में 2,121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड भी बनाया, जो योग के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।

*तीर्थयात्राओं में सेवा का भाव – “चलो, बुलावा आया है”*

प्रधानमंत्री ने देश की तीर्थ यात्राओं पर बात करते हुए कहा कि जब कोई श्रद्धालु यात्रा पर निकलता है, तो सेवा भाव अपने आप जुड़ जाता है। भंडारे, लंगर, प्याऊ, मेडिकल कैंप और ठहरने की व्यवस्था आम जन द्वारा की जाती है। यह भारत की परंपरा का एक अद्भुत पक्ष है, जहां आस्था के साथ सेवा की भावना भी चलती है।

*कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः शुभारंभ*

पीएम मोदी ने जानकारी दी कि लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है। कैलाश को हिंदू, बौद्ध और जैन परंपराओं में श्रद्धा का केंद्र माना जाता है और यह यात्रा भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक अनुभव का मार्ग है।

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