
रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति विवाद से जुड़े बहुप्रतीक्षित मामले की सुनवाई बुधवार को हाईकोर्ट की डबल बेंच में हुई। न्यायमूर्ति रजनी दुबे और न्यायमूर्ति अमितेंद्र कुमार प्रसाद की खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि 16 जून को स्कूल खुलने से पहले इस मामले का निराकरण किया जाएगा। इसके लिए सभी पक्षों को समयबद्ध ढंग से बहस और दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोर्ट ने कहा- बहस संक्षिप्त और स्पष्ट हो
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ताओं ने विस्तृत बहस की। इस पर न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि बहस को संक्षिप्त करें और अपनी मांगों को चार्ट के माध्यम से स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 12 जून निर्धारित की है।
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दोनों पक्षों की रही सक्रिय भागीदारी
इस अहम सुनवाई में शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत ठाकुर ने पक्ष रखा। वहीं, प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से इंटरवेनर अधिवक्ताओं में आलोक बख्शी, अनूप मजूमदार, अमरीतों दास, एन. नहा राय और विनोद कुमार देशमुख ने अपने तर्क अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए।
फोरम के प्रतिनिधि रहे मौजूद
प्राचार्य पदोन्नति फोरम के प्रमुख प्रतिनिधि रमाकांत झा, मलखम वर्मा, रुद्र कुमार वर्मा, ज्ञानेश वर्मा, डॉ. भागवली जोशी, आर.के. बंजारे और आर.के. कांत भी अदालत में उपस्थित रहे और कार्यवाही पर बारीकी से नजर रखी।
योग्य शिक्षकों को शीघ्र पदोन्नति दिलाने पर जोर
फोरम के प्रदेश संयोजक अनिल शुक्ला ने बताया कि फोरम की ओर से जोर इस बात पर है कि योग्य और पात्र शिक्षकों को शीघ्र पदोन्नति मिले। उन्होंने कहा कि न्यायालय में सभी तथ्यों को स्पष्ट और प्रमाणिक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि शिक्षकों को शीघ्र न्याय मिल सके।