BREAKING: खाद्य अधिकारी निलंबित,धान खरीदी में गड़बड़ी पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने ही सरकार को घेरा था…
रायपुर। राज्य सरकार ने धान खरीदी में गड़बड़ी मामले पर कार्रवाई करते हुए प्रभारी खाद्य अधिकारी राजेश जयसवाल को निलंबित कर दिया है। बता दें की विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने खुद ही अपने सरकार को घेरते हुए धान खरीदी में गड़बड़ी का सवाल उठाया था। जिसके बाद धान खरीदी में गड़बड़ी पर कार्रवाई करते हुए प्रभारी खाद्य अधिकारी राजेश जयसवाल जिला बेमेतरा निलंबित कर दिया गया है। READ MORE: BIG BREAKING: धान खरीदी की अनियमितता पर बीजेपी विधायकों ने किया जमकर हंगामा, सदन के गर्भगृह में घुसे विधायक, सदन की कार्यवाही स्थगित
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी विधायकों ने 14 मार्च को राज्य विधानसभा में कार्यवाही के दौरान अपनी ही सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को जमकर घेरा और उनके जवाब से असंतुष्ट होकर काफी देर तक सदन में गतिरोध बनाए रखा। राज्य विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने बेमेतरा जिले के विकासखंड नवागढ़ की सहकारी सोसायटी कुंवरा में धान खरीदी में अनियमितता का मामला उठाते हुए राज्य के खाद्य मंत्री का जवाब चाहा था। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से आशीष छाबड़ा ने आरोप लगाया था कि सोसाइटी में धान खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है लेकिन बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों द्वारा संबंधित लोगों को बचाया जा रहा है। वहीं ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने स्वीकार किया कि सोसाइटी में धान खरीदी में गड़बड़ी हुई है लेकिन उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की। इसके बाद कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा, बृहस्पति सिंह और शैलेष पांडेय ने सदन में खाद्य मंत्री की जमकर खिंचाई की और जवाब और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए काफी देर तक सदन में गतिरोध कायम किया। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के विधायक के सवालों का अपनी ही सरकार में जवाब न आना और सदन में विधायक को बोलने नहीं दिया जाना बहुत ही शर्मनाक है। आशीष छाबड़ा, बृहस्पति सिंह और शैलेष पांडेय के गतिरोध को देखते हुए आसंदी सत्यनारायण शर्मा को कई बार संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को निर्देश देना पड़ा कि वे अपने पक्ष के कांग्रेसी विधायकों को शांत कराएं। जिसके बाद अपनी ही सरकार के मंत्री के प्रति कांग्रेस विधायकों के तेवर और गतिरोध के कई मायने निकाले जा रहें थे।