छत्तीसगढ़बड़ी खबर

छत्तीसगढ़ के इन बच्चों को 26 जनवरी को मिलेगा वीरता पुरस्कार, जानिए इनकी कहानी

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य वीरता पुरस्कार जूरी समिति की बैठक में चार बहादुर बच्चों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार 2019-20 के लिए किया गया। राज्यपाल अनुसुईया उइके चयनित बच्चों को आगामी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को राजधानी रायपुर के पुलिस मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में नगद 15 हज़ार पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र व मैडल प्रदान सम्मानित करेंगी।

पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में अंशिका साहू 7 वर्ष पिता चंपालाल साहू वार्ड नंबर -2,नहर पारा संबलपुर जिला धमतरी, अनन्या चौहान 13 वर्ष पिता आनंद सिंह चौहान बंजारी रोड रायपुर, राहुल पटेल12 वर्ष पिता मंगलूराम पटेल, ग्राम चौबेबांधा पो.बरोंडा तहसील राजिम जिला गरियाबंद, प्रमोद बारीक 15 साल पिता रोहित बारीक ग्राम भटली थाना सरिया जिला रायगढ़ शामिल हैं।

पढ़िए इन बहादुर बच्चों की कहानी

अंशिका साहूः 6 बरस की अंशिका साहू जो कक्षा दूसरी में अध्ययरत थी अवकाश के दिन दिनांक 17 जुलाई 2018 को अपनी बड़ी बहन आंकाक्षा साहू एवं अपने अन्य दोस्तों के साथ खेल रही थी । खेलते हुए गांव के एक मकान के बाहर लगे हुए खुले विद्युत मीटर के वायर को छूने से आकांक्षा करंट लगने से चिपक गई और वह तड़पने लगी ।

छोटी बहन अंशिका ने खतरे को भापते हुए बिना समय गंवाए अपनी सूझबूझ से पहनी हुई प्लास्टिक के चप्पल से अपनी बहन के चिपके हुए हाथों को जोर – जोर से मारने लगी तब आकांक्षा एक झटके में करंट से अलग हो गई और उसकी जान बच गई। स्कूल की प्रधान पाठिका को घटना की जानकारी होने पर उनके द्वारा अंशिका से इस संबंध में पूछताछ की गई और उसके साहसी कार्य की प्रशंसा की गई । स्कूल के अन्य स्टॉफ, ग्रामीणों द्वारा अंशिका के साहस और त्वरित निर्णय क्षमता को सराहते हुए प्रशंसा की गई ।

अनन्या चौहानः 17 मार्च 2019 को अनन्या अपनी चचेरी बहन अनिकृति एवं रिया साहू के साथ सुपेला भिलाई होली मिलन समारोह में गई थी । दुपहिया वाहन से लौटते समय पशु के अचानक सामने आने के कारण दुपहिया वाहन अनियंत्रित हो जाने के कारण तीनों वाहन से गिर कर घायल हो गए । सिर पर चोट आने कारण अनिकृति और रिया घटना स्थल पर ही बेहोश हो गए ।

अनन्या को भी हाथ एवं पैर में चोट लगने के बावजूद वह राहगीरों की मदद से खुर्सीपार पुलिस थाना पहुंचकर उसने दुर्घटना की मौखिक रूप से जानकारी दी । पुलिस अधिकारियों द्वारा अनिकृति और रिया को चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल भिलाई पहुंचाया गया । जहां उनको प्राथमिक उपचार के पश्चात् रायपुर रामकृष्ण हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया । जहां पर उनका उपचार किया गया। अनन्या के सूझबूझ के कारण समय पर अनिकृति व रिया का इलाज पुलिस अधिकारियों के सहयोग से संभव हो पाया ।

स्कूल के प्राधानाचार्य , द्वारा अनन्या सिंह चौहान को साहस व त्वरित निर्णय क्षमता व सूझ -बूझ को ध्यान में रखते हुए उसे वीरता पुरस्कार प्रदाय किये जाने की अनुशंसा की गई । साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रीय व राज्य वीरता पुरस्कार प्रदाय किये जाने हेतु अनुशंसा की गई थी।

राहुल पटेलः 17 अक्टूबर 2019 को ग्राम चौबेवांधा के निवासी पीलूराम यादव का दो वर्षीय पुत्र दानेश्वर यादव आसपास खेलते हुए ग्राम के शीतला तालाब पहुंच गया। तालाब की गहराई 15 से 20 फीट है । बालक तालाब में लगभग 10 फीट दूर पानी में चला गया और डूबने लगा । तालाब के दूसरी ओर रंगमंच बना हुआ है जिसमें ग्राम का ही बालक राहुल पटेल खेल रहा था ।

राहुल का ध्यान अचानक तालाब की ओर गया । उसने देखा कि तालाय में कोई छोटा बालक डूब रहा है। स्थिति की गंभीरता को तुरन्त भांप कर लगभग 150 मीटर की दूरी से दोड़ते हुए आकर अपनी जान की परवाह किये उसने बगैर तालाब में छलांग लगा दी ।

वह डूबते हुए बालक दानेश्वर यादव को खींचकर तैरता हुए तालाब के किनारे पहुंच गया । राहुल के इस साहस से बालक दानेश्वर की जान बच गई । स्थानीय लोगो द्वारा राहुल के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की गई । ग्रामीणों द्वारा रंगमंच पर बालक राहुल को सम्मानित किया गया । छत्तीसगढ़ सोनकर सामाज द्वारा भी राहुल को सम्मानित किया गया ।

प्रमोद बारीकः 15 अगस्त 2019 को अनुपमा भोय अपनी नाबालिग पुत्री भारती भोय के साथ मैदान के लिए दोपहर करीब 2 बजे गांव के ही गाटा तालाब की ओर गई थी। सामान्यतः तालाब की गहराई 10 – 20 फीट होती है । वर्षा ऋतु होने के कारण तालाब पानी से भरा हुआ था ।

बालिका भारती भोय तालाब से पानी लेते समय पैर फिसल जाने के कारण गहरे पानी में गिर कर डूबने लगी जिसे देखकर भारती की माता अनुपमा बचाव- बचाव कह कर जोर – जोर से चिल्लाने लगी , सभी पास के मैदान में ग्राम के निवासी प्रमोद बारीक आवाज सुनकर दौड़कर आया और तालाब में डूब रही भारती को देख कर अपनी जान की परवाह न करते हुए साहस के तालाब में कूद गया और डूबती हुई बालिका भारती को खींच कर बाहर निकाल कर उसकी जान बचाई ।प्रमोद की शाला के प्रधान पाठक , सरपंच , एवं स्थानीय निवासियों द्वारा प्रमोद के साहस की प्रशंसा की गई तथा उसे वीरता पुरस्कार प्रदाय हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया ।

Tags

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close