
नई दिल्ली। लद्दाख में भारत और चीन के बीच चार महीनों से तनाव बना हुआ। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हालात बहुत नाजुक हैं। ऐसे हालात में दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर बातचीत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सीमा की स्थिति को पड़ोसी के साथ संबंधों से अलग करके नहीं देखा जा सकता। किन्हीं भी दो देशों के बीच अच्छे रिश्ते का आधार शांति होती है।
जयशंकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज रूस के लिए रवाना होंगे। यहां 10 सितंबर को उनकी चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। जयशंकर और वांग यी के बीच अगर 10 सितंबर को बैठक होती है, तो यह एक हफ्ते में दोनों देशों के बीच दूसरी हाईलेवल मीटिंग होगी।
इससे पहले मॉस्को में एससीओ समिट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष से मुलाकात की थी। इसमें राजनाथ ने कहा था- भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा। हम किसी भी कीमत पर देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन को एलएसी का सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए।