फाइलेरिया के 11 हजार से ज्यादा और कुष्ठ रोग के साढ़े 3 हजार मरीज, 2025 तक उन्मूलन का लक्ष्य
विश्व में हर 5 में से 1 व्यक्ति नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज से है ग्रसित

रायपुर। एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज) जनस्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य सरकार ने 2025 तक फाइलेरिया व कुष्ठ रोग समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। एनटीडी की चुनौती से निपटने के संबंध में राज्य के वेक्टर बोर्न डिजीज अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार ने कहा कि भारत में 2030 से पहले एनटीडी उन्मूलन का लक्ष्य है, जबकि छत्तीसगढ़ में हम लिम्फेटिक फाइलेरिया एवं कुष्ठ रोग का 2025 तक उन्मूलन कर लेंगे। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एवं कुष्ठ उन्मूलन के लिए जिलेवार कार्य योजना तैयार की गई है। वहां चल रही गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जा रही है।
उम्मीद है जल्द ही हम इन रोगों के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। बता दें कि दुनिया में हर 5 में से 1 व्यक्ति नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज से ग्रसित है। दुनिया भर में 1.7 अरब लोगों को प्रभावित करने वाली ये बीमारियां हर साल होने वाली हजारों मौतों का कारक है। एनटीडी में हाथीपांव, कालाजार, कुष्ठरोग, डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज जैसे रोग शामिल हैं।
माइक्रो फाइलेरिया दर जानने रात में सर्वे
फाइलेरिया और कुष्ठ सहित वेक्टर जनित रोगों से हर साल हजारों लोगों इसकी वजह से या तो मारे जाते हैं या फिर विकलांग हो जाते हैं। राज्य सरकार फाईलेरिया संवेदनशील एवं असंवेदनशील जिलों में मरीजों का लाइन लिस्टिंग किया है। असंवेदनशील जिलों में जहां फाईलेरिया के मरीज पाए गए हैं, वहां माइक्रो फाईलेरिया दर जानने रात में सर्वे किया जा रहा है।
इसके अलावा सामूहिक दवा सेवन के लिए सभी मितानिन एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने सामने दवा सेवन कराने का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही मरीजों को अपने घर में रोग प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हाईड्रोसिल वाले मामले में ऑपरेशन कर जिलों को हाईड्रोसिल मुक्त जिला घोषित करने लक्ष्य रखा गया है
फाइलेरिया के 11 हजार मरीज
राज्य में फाईलेरिया के 11044 मरीजों का लाइन लिस्टिंग कर चिन्हित किया गया है। इसमें 5321 लिम्फेडिमा एवं 5723 हाईड्रोसिल मरीज हैं, जबकि 3591 कुष्ठ रोग के मरीज हैं। कुष्ठ के सक्रिय मामले का पता लगाने 28 जिलों में निगरानी की जा रही है। कुष्ठ रोगियों को उपचार, शल्य क्रिया, फिजियोथेरेपी की सुविधाएं दी जा रही हैं।