नटवरलाल प्रशांत कुमार दास, सिशोर ग्रुप ऑफ कंपनी का मालिक 11 साल बाद गिरफ्तार

रायपुर. सिशोर ग्रुप ऑफ कंपनी के निवेशकर्ता एवं एजेंटगण ने वर्ष 2013 में थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि सिशोर ग्रुप ऑफ सिक्यूरिटी लिमि. मुख्यालय एच 6, 299-ए, शहीद नगर, भुनेश्वर एंड कटक में स्थित है तथा सिशोर ग्रुप के सीएमडी प्रशांत कुमार दास, अध्यक्ष एल.एल.एन. सतपथी एवं ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहन्ती निवासी उडीसा द्वारा सेक्टर 01 शंकर नगर थाना सिविल लाईन, रायपुर में राजेश गुप्ता के मकान में किराये से लेकर वर्ष 2012 के पूर्व से कार्यालय खोला गया था।
मार्च 2007 में सिमरन होटल एवं अन्य स्थानों में सेमीनार लगाकर ऐजेंटो को जमा राशि में 01 वर्ष में 12 प्रतिशत एवं 6 वर्ष में 24 प्रतिशत का लाभांश, स्कीम आकर्षण कमीशन व विदेश घुमाने का प्रलोभन देकर लगभग 370 निवेशकों से 04 करोड रूपये निवेश कराया गया। अवधि पूर्ण होने पर आरोपियों द्वारा रकम वापस नहीं की गई. मई 2012 में कपंनी बंद कर दिये एवं कंपनी का सामान लेकर भाग गये। जिस पर आरोपियों के खिलाफ थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 626/2013 धारा 420, 409, 120-बी ताहि. इनामी चिट और धन परि. स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 की धारा 3,4 का अपराध दर्ज किया गया था।
थाना सिविल लाईन पुलिस द्वारा लगातार आरोपियों की पतासाजी की जा रहीं थी। इसी दौरान पुलिस टीम को प्रकरण के मुख्य आरोपी प्रशांत कुमार दास की उड़ीसा में उपस्थिति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर पुलिस टीम उडीसा रवाना होकर आरोपी की पतासाजी करते हुए प्रकरण के मुख्य आरोपी प्रशांत कुमार दास को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी प्रशांत कुमार दास ने बताया कि वह पूर्व में अंगूल उडीसा के एक कालेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था तथा उसने बाद में एस.बी.आई. लाईफ प्रायवेट एजेंसी में कार्य किया। इसके बाद आरोपी उडीसा में सिशोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग प्रकार की एजेंसी जैसे – सिशोर फार्मेसी, सिशोर वाटर, सिशोर डेयरी, सिशोर राईस मील एवं अन्य एजेंसिया खोलकर उत्पादों का उत्पादन कर बिक्री करता था। इसके बाद आरोपी कंपनी को आगे बढ़ाने एवं अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से प्रिफेंशियल शेयर स्कीम लाया जिसमें ग्राहक को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था। जिसमें वह कई स्थानों में सेमिनार आयोजित कर अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर ग्राहक बनाकर रकम ऐंठता था। इसी में वह रायपुर सिविल लाईन में कार्यालय खोला, जिसमें वह कार्बो कोरियर का काम करता था तथा रायपुर के अलग-अलग स्थानों में सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर मोटी रकम वापस करने सहित अन्य प्रलोभन देकर ग्राहकों से नगदी रकम प्राप्त करता था।
इसी दौरान वर्ष 2012 में क्राईम ब्रांच उडीसा द्वारा आर.ओ.सी. में बैलेंस शीट सही तरीके से फाईल नहीं करने पर आरोपी के कंपनी में रेड कार्यवाही कर कंपनी को लाॅक कर दिया गया तथा समस्त कंपनियों को सील कर दिया गया था।
उडीसा में आरोपी की कंपनी के नाम पर अलग-अलग स्थानों में स्थित 400 एकड़ भूमि, फैक्ट्री, मकान, वाहनों तथा सोना-चांदी को क्राईम ब्रांच उडीसा एवं ए.डी. द्वारा जप्त कर जांच कार्यवाही की जा रहीं है तथा सी.बी.आई. भी उक्त मामले की जांच कर रहीं है। आरोपी के खिलाफ 05 अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ ही आर.ओ.सी. के 400 प्रकरण विभिन्न न्यायालय में दर्ज है, जिसकी जांच की जा रहीं है। आरोपी की संपत्ति लगभग 1200 करोड़ रूपये की है। आरोपी उडीसा के मामले में 05 वर्ष जेल में भी रह चुका है। आरोपी प्रशांत कुमार दास का पुलिस रिमाण्ड में लेकर अग्रिम कार्यवाही की जा रहीं है।
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