
सरगुजा जिले में पहली बार खतरनाक संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। यह बीमारी आमतौर पर घोड़े, गधे और खच्चरों में पाई जाती है और इंसानों में भी फैलने का खतरा रहता है। जिले में शादी-विवाह जैसे समारोहों में इस्तेमाल होने वाले दो घोड़ों में ग्लैंडर्स के लक्षण पाए गए थे।
इन दोनों घोड़ों के ब्लड सैंपल राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार को जांच के लिए भेजे गए थे। पांचवीं बार भेजी गई रिपोर्ट में दोनों सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे संक्रमण की पुष्टि हो गई है। इसके बाद प्रशासन ने इन दोनों घोड़ों को प्रोटोकॉल के तहत जहर देकर मारने का निर्णय लिया है।
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चार बार रिपोर्ट में एक नेगेटिव, एक पॉजिटिव आया था
गौरतलब है कि पहले चार बार भेजे गए सैंपलों में एक घोड़े की रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरे की नेगेटिव आई थी, जिसके कारण तय मानकों के अनुसार ग्लैंडर्स की पुष्टि नहीं हो सकी थी। लेकिन अब दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद यह तय हो गया है कि दोनों संक्रमित हैं।
तीन महीने तक अश्व प्रजातियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
ग्लैंडर्स की पुष्टि के बाद अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में अगले 3 महीनों तक घोड़े, गधे और खच्चरों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
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नियमों के तहत किया जाएगा अंत्येष्टि का कार्य
प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों घोड़ों को पहले एनेस्थीसिया दिया जाएगा, फिर जहर देकर मारा जाएगा, और अंत में उन्हें सुरक्षित रूप से दफन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए कलेक्टर से अनुमति ली जा रही है। घोड़े पालकों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विभाग लगातार सतर्क है और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सख्त निगरानी बनाए हुए है।