सौतेले पिता द्वारा नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने पीड़िता को 11 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग ने 11 वर्षीया पीड़िता के पुनर्वास के लिए अधिकतम मुआवजे की मांग की थी.
दिल्ली महिला आयोग के अनुरोध पर दिल्ली की एक पॉक्सो कोर्ट ने 11 वर्षीय नाबालिग लड़की को 11 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. पश्चिमी दिल्ली में रहने वाली लड़की के साथ उसके सौतेले पिता ने यौन शोषण किया था. दिल्ली महिला आयोग ने 11 वर्षीय पीड़िता के पुनर्वास के लिए अधिकतम मुआवजे की मांग की थी जिसके साथ उसके सौतेले पिता ने डेढ़ साल से ज्यादा समय तक यौन शोषण किया था.
दोषी को 20 साल की जेल
इस मामले में अभियुक्त को दोषी ठहराया जा चुका है और उसको 20 साल की सश्रम कारावास की सजा और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है. जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी. बलात्कार की वजह से पीड़िता गर्भवती हो गई थी और उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया था. पीड़िता द्वारा लंबे समय तक झेली गई मानसिक और शारीरिक पीड़ा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली महिला आयोग के बलात्कार पीड़िता सहायता केंद्र की वकील लड़की के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर अदालत गई.
कोर्ट ने नाबालिग लड़की से बलात्कार होने के कारण उसको 7 लाख का मुआवजा और बलात्कार के कारण उसके गर्भवती होने की वजह से उसको 4 लाख का मुआवजा दिया. कोर्ट ने लड़की के पुनर्वास के लिए पश्चिमी जिले की विधिक सेवाएं प्राधिकरण को मुआवजे की राशि जारी करने के निर्देश दिए.
पेट दर्द के बाद हुआ खुलासा
2015 में 11 वर्षीय रजनी (नाम परिवर्तित) ने अपनी मां से पेट दर्द की शिकायत की, जब उसको अस्पताल ले कर जाया गया तब पता चला कि वह गर्भवती है. जब बच्ची से पूछा गया तब उसने सौतेले पिता द्वारा किए गए लगातार यौन शोषण के बारे में बताया. उसकी मां ने पहली शादी से तलाक के बाद दूसरी शादी की थी. पहली शादी से उसकी 8 साल और 5 साल की दो लड़कियां थीं.
लड़की का पिता जो कि नाई था, वह दोपहर में घर आता था. उस समय लड़की की मां घरों में काम करने के लिए बाहर होती थी. इसका फायदा उठाकर उसने बड़ी लड़की के साथ बलात्कार किया और विरोध करने पर उसको पीटता भी था. साथ ही वह उसे धमकी भी देता था कि अगर उसने किसी को बताया तो वह भी उसके पहले पिता की तरह उसकी मां को छोड़ देगा.
अस्पताल में सच का पता चलने के बाद लड़की की मां ने एफआईआर दर्ज करवाई और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया. नाबालिग बच्ची ने एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन उसको साथ नहीं रखा और कुछ समय बाद बच्चे की मृत्यु हो गई.
बच्ची के गर्भवती होने की खबर फैलने लगी तब उसने बदनामी के डर से स्कूल जाना छोड़ दिया और कुछ समय बाद स्कूल से अपना नाम कटवा लिया. बाद में उसकी मां नए पते पर रहने चली गई और दूसरे स्कूल में उसका दाखिला करवा दिया.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘मुआवजा से बच्ची द्वारा झेली गई पीड़ा कम तो नहीं हो सकती मगर इससे बच्ची के पुनर्वास में मदद मिलेगी. बच्ची की पीड़ा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने केवल अपनी मां की दूसरी शादी को बचाने के लिए इस घटना को छुपाया. आयोग ऐसे मामलों में जहां बलात्कार की पीड़िता नाबालिग है, उनमे अधिकतम मुआवजे की मांग करेगा.’