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CM विष्णु देव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में ‘संपर्क स्मार्ट स्कूल’ का किया शुभारंभ, 50 बच्चों को स्मार्ट कीट व टीवी वितरित

 

जशपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के बगिया हाई स्कूल में ‘संपर्क स्मार्ट स्कूल’ और ‘स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर 50 प्राथमिक स्कूली बच्चों को संपर्क स्मार्ट किट और स्मार्ट टीवी भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, जनपद अध्यक्ष सुशीला साय, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, संपर्क फाउंडेशन के नेशनल मैनेजर प्रदीप राणा, डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा, जनप्रतिनिधिगण, शिक्षकगण और स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

 

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भावुक हुए मुख्यमंत्री, बचपन की स्मृतियां साझा कीं

मुख्यमंत्री ने अपने गृह ग्राम बगिया में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए भावुकता और गर्व से भरा है। उन्होंने बताया कि उनका जन्म इसी गांव में हुआ और उन्होंने प्राथमिक शिक्षा बगिया स्कूल से प्राप्त की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “50 साल पहले हमारा स्कूल खपरैल का था, पानी टपकता था, बैठने की जगह बदलनी पड़ती थी, लेकिन आज बगिया स्कूल का कायाकल्प हो गया है। यह देखकर हृदय आनंदित हो गया।”

शिक्षा को बताया विकास का मूल मंत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति के विकास का मूल मंत्र है। शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होते हैं, जो हमें डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और प्रोफेसर बनाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक विनीत नायर, जो HCL Technologies के पूर्व CEO हैं, ने अपनी मां जनक नायर से प्रेरणा लेकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

संपर्क फाउंडेशन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में अहम योगदान दे रहा है। अब यह प्रयास छत्तीसगढ़ में भी नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।

 

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मुख्यमंत्री का संदेश

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि “अब हमारे राज्य में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों से लेकर राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चों को अब गांव में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। यही असली विकास है।”

यह कार्यक्रम शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल बदलाव का प्रतीक बनकर उभरा है और इससे जशपुर सहित पूरे राज्य में शिक्षा के प्रति नई चेतना का संचार हुआ है।

 

 

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