कोंडागांव में बड़ा आत्मसमर्पण: 8-8 लाख के इनामी नक्सल दंपत्ति ने छोड़ी हिंसा, मुख्यधारा में लौटे

कोंडागांव : राज्य में सुरक्षा बलों की सघन एंटी नक्सल कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति का असर लगातार दिख रहा है। इसी क्रम में आज एक और नक्सल दंपत्ति—रैसिंग कुमेटी और उसकी पत्नी पुनाय आचला—ने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नक्सल संगठन की शोषणकारी नीति से तंग आकर लिया फैसला
कोंडागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले दंपत्ति ने बताया कि वे माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा और आंतरिक शोषण से तंग आ चुके थे। इसके साथ ही लगातार चल रहे सुरक्षाबलों के अभियान से भी उन पर दबाव बढ़ रहा था। इन सभी कारणों से उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
कई जिलों की नक्सली गतिविधियों में रहे थे सक्रिय
रैसिंग कुमेटी और पुनाय आचला कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी और नारायणपुर जिलों की विभिन्न नक्सली घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। दोनों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लंबे समय से तलाश जारी थी।
पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण के दौरान दंपत्ति ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना से वे काफी प्रभावित हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें सामान्य जीवन जीने का अवसर मिलेगा और समाज में दोबारा सम्मानपूर्वक स्थान प्राप्त कर सकेंगे।