छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक ऐसी घटना सामने आयी है, जहाँ गांजा तस्करी का लिंक रेल्वे के बड़े अधिकारियों से जुड़ा है, और यहाँ युवक से गांजा तस्करी कराने वाले जीआरपी के चार आरक्षकों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसमें से दो आरक्षकों को जेल भेज दिया गया है. वहीं दो आरक्षकों को पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक बीते 24 अक्टूबर को जीआरपी ने रेलवे स्टेशन में 20 किलो गांजा के साथ जबलपुर निवासी योगेश सोंधिया और खरीददार चित्रकूट निवासी रोहित द्विवेदी को पकड़ा था. पुलिस मुख्यालय से मामले की डायरी जांच के लिए बिलासपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजी गई. बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की और गांजा तस्करी के आरोप में पकड़े गए योगेश सौंधिया व रोहित द्विवेदी से सख्ती से पूछताछ की.
योगेश सोंधिया ने बताया कि वह पिछले एक साल से शहर में किराए के मकान में रह रहा है और जीआरपी थाना के आरक्षक लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी, संतोष राठौर व मन्नू प्रजापति के कहने पर ओडिशा से गांजा लाकर उनके संरक्षण में रेलवे स्टेशन में गांजा बेचता है. बिक्री की रकम वह आरक्षकों को देता था. मामले में पकड़ा गया रोहित द्विवेदी उस दिन गांजा खरीदने आया था.
आरोपियों के बयान के आधार पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत चारों आरक्षकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने दो आरक्षकों को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग की. कोर्ट के आदेश पर आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन को 1 दिन की पुलिस रिमांड में लिया है. वहीं आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति को जेल दाखिल कर दिया है.
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