बड़ी खबर: निलंबित IAS रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया जेल से रिहा, राज्य से बाहर रहने की शर्त

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला और डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले में फंसे प्रमुख आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिलने के बाद निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई और पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया को रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। करीब दो साल जेल में बिताने के बाद अब तीनों आरोपी बाहर आ चुके हैं। कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि रिहा किए गए आरोपी अब छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रह सकेंगे।
कोयला घोटाला: क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कोयले के संचालन और परिवहन से जुड़े कार्यों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। करीब 570 करोड़ रुपए के इस घोटाले में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने, अवैध वसूली और सिंडिकेट के ज़रिए धन उगाही जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना जा रहा है।
तत्कालीन खनिज विभाग के संचालक समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत ऑनलाइन परमिट सिस्टम को बंद कर दिया गया और उसके स्थान पर ऑफलाइन प्रणाली लागू की गई। इससे कोयला व्यापारियों से सीधे वसूली का रास्ता खुला। व्यापारी प्रति टन 25 रुपए की अवैध वसूली करते थे, जिसके बाद ही उन्हें परिवहन पास मिलता था।
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DMF घोटाला: खनिज निधि में भारी गड़बड़ी
ED और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की संयुक्त जांच में डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) से संबंधित अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में भारी कमीशनखोरी (25-40%) और फर्जी कंपनियों के ज़रिए करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया।
यह आरोप विशेष रूप से रानू साहू पर लगे हैं, जब वे रायगढ़ और कोरबा की कलेक्टर थीं। कहा गया कि उन्होंने खनन परियोजनाओं में अनुचित ठेके दिए और ठेकेदारों से मोटी रिश्वत ली।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि रिश्वत को वैध दिखाने के लिए इसे “अकोमोडेशन एंट्री” के रूप में दर्ज किया गया। साथ ही तलाशी के दौरान 76.50 लाख कैश, 8 बैंक अकाउंट (35 लाख) और कई फर्जी दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए।
अब तक किन पर हुई कार्रवाई?
अब तक इस घोटाले में जिन प्रमुख लोगों पर कार्रवाई हुई है, उनमें शामिल हैं:
- निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू
- IAS समीर विश्नोई
- सौम्या चौरसिया (पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव)
- सूर्यकांत तिवारी (कोयला व्यापारी)
- संदीप नायक, लक्ष्मीकांत, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल
जांच अभी जारी
कोयला और DMF घोटाले की जांच ED और ACB-EOW दोनों एजेंसियां कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।