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पढ़िए बड़ी बातें, मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में PM Modi ने सर्विस और प्रॉडक्ट की क्वालिटी पर दिया जोर 

पीएम ने कहा, देश 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, नए मानकों, नए पैमानों, नई स्टैंडर्ड्स और न्यू बेंचमार्कस को घड़ने की दिशा में आगे बढ़ना ही है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ‘नेशनल एटॉमिक टाइमस्‍केल’ और ‘भारतीय निर्देशक द्रव्य’ राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने नेशनल एनवायरमेंटल स्टैंडर्ड लैबोरेट्री की भी आधारशिला भी रखी। नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव (विषय ‘राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मेट्रोलॉजी’) का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, CSIR के वैज्ञानिक देश के ज्यादा से ज्यादा छात्रों के साथ संवाद करें , कोरोना काल के अपने अनुभवों को और इस शोध क्षेत्र में किये गए कामों को नई पीढ़ी से साझा करें। इससे आने वाले कल में आपको युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी। हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर हो में या प्राइवेट। प्रोटक्ट्स की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट। हमारे क्वालिटी स्टैंडर्ड ये तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़े।

पीएम ने कहा, देश 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, नए मानकों, नए पैमानों, नई स्टैंडर्ड्स और न्यू बेंचमार्कस को घड़ने की दिशा में आगे बढ़ना ही है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

पीएम ने आगे कहा, आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में बढ़ा रहा है। लेकिन air quality और emission की मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है। आज भारत ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में दुनिया के टॉप 50 देशों में पहुंच गया है। देश में आज बेसिक रिसर्च पर भी जोर दिया जा रहा है। आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच collaboration को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर औऱ फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इन फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है। हमें ये याद रखना है कि हमारे जितने पेटेंट्स होंगे, उनकी utility हमारे इन पेटेंट्स की होगी। हमारी रिसर्च जितने सेक्टरों में lead करेगी, उतनी ही आपकी पहचान मजबूत होगी। उतना ही ब्रांड इंडिया मजबूत होगा।

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