हिमांशु पटेल/रायपुर। राजधानी रायपुर में गरीबों व जरूरतमंदों के लिए प्रशासन की ओर से लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए नेकी की दीवार, जो की राजधानी के प्रतिष्ठित चौक मुख्यमंत्री निवास से लगा हुआ भगत सिंह चौक व अनुपम गार्डन के पास बनाया गया था। ये दोनों आगजनी का शिकार हो गया। आगजनी के कारण पूरा जलकर खाक हो गया। वही इस आगजनी को लेकर राजनीति सियासत भी शुरू हो गई है।
राजधानी के प्रतिष्ठित चौक गरीबों व जरूरतमंदों के लिए निर्मित नेकी की दीवार जो कि मुख्यमंत्री निवास से लगा हुआ व दूसरा जीई रोड अनुपम गार्डन के पास जहां आसपास पूरा परिसर कैमरे से लैस है. यह दोनों जगह पर आगजनी की घटना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर आग लगी या लगाई गईं. इस मसले को लेकर जिम्मेदार आखिर देर से क्यों जागे.
अब तक इसमें कार्यवाही क्यों नहीं हुई. वही आगजनी होने के हफ्ते भर बाद तक स्मार्ट सिटी और नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी इसे संज्ञान लेते हुए ना कोई थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई थी ना इसको संज्ञान लिया गया था। वही जब इस मामले को लेकर बीजेपी पार्षदों ने स्मार्ट सिटी दफ्तर में अधिकारियों का घेराव किया, तब कहीं जाकर इस मामले पर आनन-फानन में एफआईआर दर्ज कराई गई. वहीं नगर निगम के उप नेता प्रतिपक्ष का मानना है यह घटना नहीं इसे साजिश के तहत आग लगाई गई थी. क्योंकि नेकी की दीवार के पीछे एक निजी व्यवसाय के लिए संस्थान खोला जा रहा है. जिसके कारण नेकी की दीवार को वहां से हटाने के लिए साजिश किया गया व आगजनी का रूप दिया गया.
वहीं इसे लेकर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कोई साजिश नहीं है. घटना की निष्पक्ष जांच होगी, जो भी दोषी होगी उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल मामला अभी ठंडे बस्ते में है. आज अनुपम गार्डन वाली नेकी की दीवार में 8 जनवरी को आगजनी हुई थी. वही भगत सिंह चौक में अगस्त में हुई थी।लेकिन कार्यवाही अब तक कागजों में ही रह गया।
यह है पूरा मामला
बीते अगस्त महीने में मुख्यमंत्री निवास के पास बने नेकी की दिवार में आगजनी हुई. उसके बाद दूसरी घटना 1 और 2 जनवरी की दरमियानी रात राजधानी रायपुर के अनुपम गार्डन के पास बनी नेकी की दीवार आग के हवाले हो गई और दीवार सहित वहाँ रखे पूरे कपड़े जल कर खाक़ हो गए। इस घटना घटित होने के आज 2 हफ्ते बाद तक इस घटना की जांच की दिशा में कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई थी। बता दें की नेकी की दीवार में लोग अपने पुराने कपड़े छोड़ जाते थे और जरूरतमंद लोग वहां से उसे लेकर जाया करते थे। इस आगजनी की घटना में नेकी की दीवार पर बनाया गया फाइबर का पूरा आर्ट वर्क वहाँ रखे तमाम कपड़ों सहित जलकर खाक़ हो गया। और अब वहां केवल लोहे का फ्रेम बचा हुआ है।