दिनेश गुप्ता, दंतेवाड़ा। बच्चों से एक तरफ सरकार कहती है कि खूब मन लगा कर पढ़ाई करो, देश – प्रदेश, माता – पिता व विद्यालय का नाम रोशन करो। मेरिट में आने वाले बच्चों को स्कॉलरशिप,प्रोत्साहन राशि व ईनाम देने की बात कही जाती है। लेकिन जब ये बच्चे पूरी लगन व निष्ठा से पढ़ाई करके मेरिट में अपनी जगह बनाते है तो शासन प्रशासन उनको पुरुस्कार के नाम पर केवल जुनझुना पकड़ाता है।
दंतेवाड़ा जिले की सच्चाई यह कि जो भी विद्यार्थी 10वी व 12वी बोर्ड कक्षाओं की मेरिट में आता है तो उसे शासन प्रशासन के द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि दीपक बैज व दंतेवाड़ा के दिवंगत विधायक स्व. भीमाराम मण्डावी के हाथों मंच से पुरुस्कार स्वरूप 8 – 8 हजार रुपये का डमी चेक दिलवाया गया था। डमी चेक प्राप्त करते हुये फ़ोटो में जिले के कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक,जिला पंचायत अध्यक्ष सहित नगर पालिका अध्यक्ष के साथ अन्य कर्मचारी भी है। लेकिन किसी भी जवाबदेह अधिकारी ने यह पता करने की कोशिश तक नही की, कि बच्चों को वास्तव में प्रोत्साहन राशि मिली भी या नही।
राशि एस्सार लिमिटेड कंपनी को ओर से
ईनाम की यह राशि एस्सार लिमिटेड कंपनी को ओर से दी जानी थी। बच्चे व उनके माता-पिता ईनाम पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी ईनाम की राशि नही मिलने पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इसी तरह का नगर का एक मामला मेधावी छात्रा कु नंदनी साठवाने का है जिनको 26 जनवरी के दिन 2017-18 की जिले की मेरिट लिस्ट में स्थान बनाने पर आठ हजार रुपये का डमी चेक प्रोत्साहन स्वरूप दिया गया था। लेकिन चार माह बीतने के बाद भी ईनाम की राशि छात्रा के खाते में नही आयी है। छात्रा की माता सुचित्रा साठवाने ने कहा कि शासन प्रशासन का यह रवैया शर्मनाक है। इससे बच्चों में निराशा का भाव उत्पन्न होता है।