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अबूझमाड़ अब दुनिया के लिए अबूझ नहीं, अबूझमाड़ में विकास की नई सुबह हो रही है – सोनमणि बोरा

रायपुरः आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्ला नार योजना से जनजातीय इलाकों में की तस्वीर और तकदीर बदल रही है। केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित उक्त योजनाओं से बस्तर के अबूझमाड़ में तेजी से बुनियादी सुविधाएं विकसित होने लगी है। अबूझमाड़ में एक ओर जहां चमचमाती सड़कों की जाल बिछाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से मुहैया भी कराई जा रही है। अब वह दिन दूर नहीं कि जब अबूझमाड़ लोगों के लिए अबूझ नहीं रहेगा। अब अबूझमाड़ में विकास का नया सूरज उग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के विशेष प्रयासों से जनजातीय इलाकों की स्थिति और वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज बस्तर और बिलासपुर संभागों के जिलों के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्लानार योजना विशेष उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही है। इसके उद्देश्य को पूरा करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्री बोरा ने कहा कि बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित गांवों में नियद नेल्लानार के माध्यम से लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा वहां के लोगों के जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण बरसात से पूर्व हर हाल में पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग सुदूर वनांचल की बसाहटों में किस तरह अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। बरसात के दिनों में उनके छोपड़ीनुमा घर रहने के लायक नहीं होते हैं। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके लिए पक्के आवासों का निर्माण कराना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण में किसी भी तरह की दिक्कत अथवा मटेरियल की कमी की जानकारी तत्काल कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को देने के साथ ही स्वयं समन्वय कर इसका निदान करें। प्रमुख सचिव ने बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम एवं छात्रावास का निरीक्षण करने तथा वहां की कमियों को दूर करने के साथ ही सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों का पूरी संजीदगी और गुणवत्ता के साथ निराकरण करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर उप सचिव बी.के. राजपूत, अपर संचालक संजय गौड़, आर.एस. भोई, जितेन्द्र गुप्ता, तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त गायत्री नेताम, मेनका चन्द्राकर, डॉ. रेशमा खान, विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिलों के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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