
भारत ने 6-7 मई की रात जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बड़ी एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में करीब 70 से 100 आतंकियों के मारे जाने की खबरें सामने आई हैं। भारत की इस कार्रवाई में राफेल फाइटर जेट का इस्तेमाल हुआ, जबकि पाकिस्तान की ओर से चीन निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट तैनात किए गए।
राफेल बनाम JF-17 थंडर: कौन कितना ताकतवर?
- इंजन और रफ्तार:
राफेल में 2 Snecma M88-4 इंजन लगे हैं, जो कुल मिलाकर 34,000 पाउंड थ्रस्ट देते हैं, जबकि JF-17 में चीनी WS-13 या रूसी RD-93 इंजन है जो 19,000 पाउंड थ्रस्ट ही देता है।
राफेल की स्पीड मैक 1.8 (2,130 किमी/घंटा) है, वहीं JF-17 की स्पीड मैक 1.6 (1,900 किमी/घंटा) है। - रेंज और पेलोड:
राफेल बिना दोबारा ईंधन भरे 1,850 किमी की दूरी तय कर सकता है, जबकि JF-17 सिर्फ 1,200 किमी।
राफेल की पेलोड क्षमता 9,500 किलोग्राम, JF-17 की मात्र 3,700 किलोग्राम है। - रडार और मिसाइल सिस्टम:
JF-17 ब्लॉक III में KLJ-7A AESA रडार और PL-15E/PL-10E मिसाइलें हैं।
राफेल में अधिक एडवांस RBE2-AA AESA रडार, मेटिओर BVRAM और SCALP क्रूज मिसाइल जैसी घातक क्षमताएं हैं।
कीमत और उपयोग:
- राफेल की कीमत: प्रति जेट 90-115 मिलियन डॉलर, भारत ने 36 राफेल जेट फ्रांस से खरीदे हैं (डील: 7.8 अरब यूरो)।
- JF-17 की कीमत: प्रति जेट 25-35 मिलियन डॉलर, यह सस्ता है लेकिन लड़ाई में कमजोर। पाकिस्तान के पास 150-170 JF-17 जेट हैं।
पाकिस्तान की सीमाएं और भारत की बढ़त
IMF से कर्ज मांगने वाला पाकिस्तान जानता है कि वह भारत जैसे सैन्य ताकतवर देश से युद्ध नहीं लड़ सकता। न संसाधन हैं, न क्षमता। वहीं भारत का राफेल बेड़ा 2030 तक 62 तक पहुंचेगा, और यह पाकिस्तान की जेएफ-17 फ्लीट पर तकनीकी व सामरिक दोनों ही मोर्चों पर भारी है।
भारत ने दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया है कि अगर कोई देश आतंकी गतिविधियों के जरिए छेड़छाड़ करेगा, तो “नया भारत घर में घुसकर मारेगा”।