
रायगढ़ : राज्य का रायगढ़ जिला अब प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां की सभी 549 ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्क का भुगतान डिजिटल माध्यम, यानी यूपीआई (UPI) के जरिए किया जा रहा है। यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
अब ग्रामीण प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे भुगतान अपने मोबाइल फोन से घर बैठे ही कर पा रहे हैं। पंचायत भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर यूपीआई क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे भुगतान की प्रक्रिया सरल, तेज और पारदर्शी बन गई है।
टैक्स वसूली में 117% की वृद्धि
जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव के अनुसार, यूपीआई प्रणाली लागू होने के बाद पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में टैक्स कलेक्शन में 117 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कई पंचायतों में टैक्स वसूली दोगुने से अधिक हो चुकी है।
जहां पहले ग्रामीणों को नकद भुगतान या मैनुअल प्रक्रिया में परेशानियां होती थीं, अब वे अपने मोबाइल से आसानी से भुगतान कर रहे हैं।
आदिवासी क्षेत्रों में भी सफलता
जिले के 7 में से 5 ब्लॉक आदिवासी बहुल हैं और वहां भी यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की गई है। खास बात यह है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई के माध्यम से टैक्स भरना शुरू कर दिया है, जो डिजिटल समावेशन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
ग्राम सभाओं में बढ़ी भागीदारी
यूपीआई प्रणाली लागू होने के बाद ग्राम सभाओं में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है। तीन पंचायतों में किए गए विश्लेषण में पाया गया कि ग्राम सभाओं में उपस्थिति में 57% तक का इजाफा हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि लोग अब पंचायत व्यवस्था में अधिक रुचि ले रहे हैं।
पारदर्शिता और सुविधा में बढ़ोतरी
इस डिजिटल प्रणाली से ग्राम पंचायतों में खाता रखरखाव, ऑडिट प्रक्रिया और नकद बहीखाता मिलान जैसी वित्तीय व्यवस्थाएं भी सुगम हो गई हैं। हर लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होने से वित्तीय प्रणाली अधिक पारदर्शी और सुचारू हो गई है।
पूर्व कलेक्टर गोयल ने इस नवाचार मॉडल की 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री अवॉर्ड स्क्रीनिंग कमेटी के सामने प्रस्तुति दी थी, जिससे यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जा रही है।
एक रोल मॉडल के रूप में रायगढ़
रायगढ़ की यह पहल अब पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी है। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में रायगढ़ ने एक बड़ी छलांग लगाई है और अब यह जिला डिजिटल पंचायत शासन का प्रतीक बन चुका है।