
मुजफ्फरनगर। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर दो महीने से जारी किसानों का प्रदर्शन 26 जनवरी को हिंसा में तब्दील हो गया। इसके बाद, पुलिस ने बॉर्डर खाली कराने की कवायद शुरू कर दी। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरना छोड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके भाई और बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने अपने गृह जिले मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई थी।
महापंचायत में नरेश टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज हम सब घर जाएंगे, क्योंकि गाजीपुर बॉर्डर पर पश्चिमी यूपी के कई जिलों से किसान पहुंच चुके हैं। कल (शनिवार) से सड़कों पर ट्रैक्टर ट्राली की लाइन नहीं टूटेगी। टिकैत ने कहा कि जिन्हें हमने वोट देकर दिल्ली और प्रदेश की कुर्सी पर बैठाया, अब उन्हें गांव और घर में घुसने नहीं देंगे। उनका साफ इशारा भाजपा की तरफ था।
बालियान खाप के चैधरी और बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान के सम्मान और स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। किसान सम्मान चाहते हैं। इसलिए पंचायत का आयोजन किया गया है। 65 दिन तक किसानों की बात नहीं सुनी गई। चार साल हो गया, गन्ने का रेट नहीं बढ़ा। पेमेंट भी बकाया है। गाजीपुर बॉर्डर पर धरना जारी रहेगा, लेकिन इसका फैसला निर्णायक कमेटी लेगी। मैंने धरना खत्म करने की बात कही थी, लेकिन इसमें छेड़छाड़ और गड़बड़ कर दी गई। कौन आदमी भेजे गए? गलत सोच के आदमी क्यों भेजे गए? मारपीट की गई। किसान कमजोर नहीं है। आंदोलन कर रहे किसानों की जान की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।