नई दिल्ली। दिल्ली में इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति की मशाल अब हमेशा के लिये बुझा दी जाएगी. अब यह मशाल नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ मिल जाएगी. आज दोपहर 3.30 बजे एक कार्यक्रम में अमर जवान की मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ मिला दिया जाएगा. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि दो जगहों पर मशाल का रख रखाव करना काफी मुश्किल हो रहा है.
सेना के सूत्रों का यह भी कहना है कि अब जबकि देश के शहीदों के लिये नेशनल वॉर मेमोरियल बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे. यह भी कहना है कि नेशनल वॉर मेमोरियल में सारे शहीदों के नाम हैं, शहीदों के परिवार के लोग यहीं आते हैं. 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था. 40 एकड़ जमीन पर 176 करोड़ की लागत से इसे बनाया गया है.
बता दें कि इंडिया गेट को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों की याद में बनवाया गया था. इसके बाद 1972 में 1971 के पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति जलाई गई. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं.