
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा नगर में आस्था को ठेस पहुंचाने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक ओर देशभर में भगवान परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया का पर्व श्रद्धा, भक्ति और आस्था के साथ मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथौरा में उसी दिन स्कूल परिसर में बकरा पार्टी और शराब सेवन किया गया।
शिक्षक और लिपिक के विदाई समारोह में टूटी मर्यादा
जानकारी के अनुसार, यह आयोजन स्कूल की शिक्षिका कमलजीत जोसेफ और लिपिक तनसिंह वर्मा के विदाई समारोह के अवसर पर किया गया था। विदाई के नाम पर शिक्षकों ने विद्यालय जैसी पवित्र जगह की मर्यादा भंग कर दी। जिस स्थान पर बच्चों को नैतिक शिक्षा, नशे से दूर रहने और अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है, वहीं इस प्रकार का आयोजन न केवल निंदनीय है बल्कि समाज को गलत संदेश भी देता है।
आहत हुईं धार्मिक भावनाएं, स्कूल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी
घटना के सामने आने के बाद हिंदू समाज के लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। धार्मिक पर्व के दिन इस तरह की गतिविधि से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और स्कूल प्रशासन के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं।
स्कूल प्राचार्य ने दी सफाई, जताया खेद
विद्यालय के प्राचार्य आशाराम बरिहा ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि त्योहार का ध्यान नहीं रहा और अनजाने में बकरे की सब्जी बना दी गई। उन्होंने बताया कि बकरा स्कूल परिसर में नहीं पकाया गया, बल्कि बाहर से लाकर स्कूल में परोसा गया था। उन्होंने इस घटना के लिए खेद भी व्यक्त किया।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत ने बताया कि मामले की शिकायत प्राप्त हुई है। इस पर तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें सहायक संचालक, बीईओ और बीआरसी को शामिल किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।