
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मई 2025 में राज्य के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए 34 औषधि नमूनों की जांच में 5 दवाएं अमानक पाई गई हैं। इसके बाद संबंधित उत्पादकों और वितरकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
ये दवाएं पाई गईं अमानक
- विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A)
- निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हिमाचल प्रदेश)
- उपयोग: मधुमेह रोग उपचार
- रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598)
- निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हिमाचल प्रदेश)
- उपयोग: बुखार और संक्रमण
- डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002)
- निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब)
- उपयोग: बच्चों में दर्द और बुखार
राज्य के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ति, राजनांदगांव, कोंडागांव और सूरजपुर जिलों से ये नमूने जांच के लिए भेजे गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री का सख्त रुख
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्पष्ट कहा कि “जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमानक दवाएं बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।” उन्होंने सभी औषधि विक्रेताओं को केवल प्रमाणित और लाइसेंस प्राप्त दवाएं बेचने का निर्देश भी दिया।
नशीली दवाओं और तंबाकू पर सख्ती
- नशीली दवाओं के विरुद्ध प्रदेशभर में औषधि निरीक्षकों की टीमें सक्रिय हैं। मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी और सीसीटीवी कैमरे की अनिवार्यता पर तेजी से काम जारी है।
- 31 मई – विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 249 चालान जारी कर ₹100 प्रति चालान के हिसाब से जुर्माना वसूला गया।
प्रशासन की अपील
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आम नागरिकों से दवाएं खरीदते समय लेबल, वैधता और गुणवत्ता की जांच करने की अपील की है। साथ ही संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को देने का आग्रह किया गया है।