1 नवंबर से शुरू होगी अंत्योदय ‘जन जागरण पदयात्रा’, लोगों को समाज में नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने मनाया जाएगा पदयात्रा सप्ताह

महासमुंद। अंत्योदय जन जागरण पद यात्रा इस वर्ष 1 नवंबर से शुरू होगी और 7 नवंबर को यह यात्रा समाप्त होगी। इस पद यात्रा का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मुलभुत सुविधा और लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना है। शुक्रवार को इस कार्यक्रम के संयोजक पुरंदर मिश्रा ने प्रेस वार्ता लेकर जानकारी दी।
संयोजक पुरंदर मिश्रा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इस वर्ष गांधी पद यात्रा का रजत जयंती के रूप में 25 साल पूर्ण हुआ। देश में महात्मा गांधी के विचारों एवं आदर्शों के विस्तार के साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की अवधारणा को जीवंत करने की दिशा में यह एक प्रयास किया गया है। समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के आर्थिक उत्थान की परिकल्पना पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय के माध्यम से ही आता है। यह पदयात्रा प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिन 25 सितंबर से शुरू होकर व्यसन मुक्त समाज की कल्पना करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्टूबर तक प्रतिवर्ष 1997 से लेकर 2022 तक अनवरत जारी है।
लेकिन इस बार अपरिहार्य कारणों से इस वर्ष गांधी पदयात्रा की तिथियां 1 नवंबर से 6 नवंबर तक रहेगी तथा 7 नवंबर 2022 को समापन कार्यक्रम होगा। जिसमें मेघावान छात्रों, समर्पित शिक्षकों, कोरोनावायरस, स्वास्थ्य कर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, समाज सेवको सहित गणमान्य नागरिकों का सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विगत 25 वर्षों के गांधी पदयात्रा के सहयोगी साथियों का विशेष सम्मान किया जाएगा।
उन्होंने बताया, इस यात्रा में नशा मुक्ति, व्यसन त्याग, शिक्षा स्वास्थ्य स्वच्छता सामाजिक समरसत्ता के संदेशों के साथ ही ग्रामीण अंचल के सामाजिक प्रशासनिक समस्याओं की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कर उनके समाधान का प्रयास किया जाता है। शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे संपूर्ण स्वच्छता अभियान ,उज्वला योजना, सर्व शिक्षा अभियान जैसी अन्य योजनाओं के बारे में जन जागरूकता लाने के अतिरिक्त क्षेत्र के विकास के और अवरोधकों को चिन्हित कर उनके समाधान की दिशा में प्रयास करना भी है।
इस कार्यक्रम के तहत अब तक लगभग 2250 किलोमीटर की यात्रा कर 602 गांव तक संपर्क किया गया है। लगभग 18650 व्यक्तियों का नशा त्याग कराया गया है। क्षेत्र के स्कूली छात्रों से नशा नहीं करने की शपथ लेने के कारण इस अभियान से अधिक से अधिक संख्या में लोगों ने नशा त्याग किया है। शासन से संपर्क कर अनेक विकास मूलक कार्यों को गति दी गई है। इस अंचल में यह मात्र पदयात्रा ना रहकर पदयात्रा उत्सव का रूप ले चुका है। जिसके लिए क्षेत्र की जनता एवं कार्यकर्ता को पूरा श्रेय जाता है।