
प्रविंस मनहर/रायपुर – छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खात्मे को लेकर लगातार चर्चाओं का दौर जारी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश से मार्च 2026 तक नक्सलवाद ख़त्म करने का लक्ष्य रखा हैं। जिसमे छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं। अमित शाह के लक्ष्य के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज हुआ और इसका फायदा भी सुरक्षा बलों को मिला 15 महीनो में लगभग 300 से अधिक नक्सलियों को ढ़ेर किया गया हैं। इस बीच नक्सलियों ने सप्ताहभर के भीतर दूसरी बार शांतिवार्ता के लिए सरकार के सामने अपनी बात रखी है। बीते बुधवार नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा है कि अगर सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्धविराम अमल में आएगा। अब इस पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों की बात का जवाब देते हुए शांति वार्ता के लिए सरकार का रुख स्पष्ट किया है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि नक्सलियों द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि वे स्कूल और अस्पतालों का विरोध नहीं करते। उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर ऐसा है तो उन गांवों में अब तक टीवी क्यों नहीं देखा गया? खेती और सिंचाई की सुविधाएं अब तक क्यों नहीं पहुंची हैं?उन्होंने आगे कहा,नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए अपील की है लेकिन वे सामने आएं। उन्होंने किसी ‘समिति’ का जिक्र किया है तो वह समिति कौन-सी है वह स्पष्ट करें। हमारी सरकार ने शांति वार्ता के लिए किसी प्रकार की कोई समिति गठित नहीं की है। सदन में विपक्ष ने भी यह सवाल उठाया था और सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। जो भी लोग बातचीत करना चाहते हैं वे मुझसे संपर्क करें। मैं उन्हें सुरक्षा देने को तैयार हूं लेकिन यह स्पष्ट है कि बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। हम बार-बार नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील कर चुके हैं।