
बिलासपुर : सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 43 लाख रुपये की ठगी के मामले में तखतपुर पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए न सिर्फ ठगों को गिरफ्तार किया, बल्कि ठगी का शिकार बने व्यक्ति के खिलाफ भी धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। यह पहली बार है जब इस तरह के मामले में ठग और पैसा देने वाले दोनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है, जहां 55 वर्षीय सूर्यकांत जायसवाल (निवासी नेचर सिटी, थाना सकरी, बिलासपुर) ने अपने दो बेटों और एक बेटी को खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक और पटवारी की सरकारी नौकरी दिलाने के लिए निगारबंद निवासी 67 वर्षीय विष्णु प्रसाद राजपूत से संपर्क किया। विष्णु ने सूर्यकांत को अपने बेटे अनीश राजपूत से मिलवाया, जिसने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया।
आरोपियों के झांसे में आकर सूर्यकांत ने 8 फरवरी 2022 से 5 जून 2023 के बीच किश्तों में कुल 43 लाख रुपये अनीश राजपूत और उसके सहयोगी जावेद खान उर्फ राजा (निवासी तितली चौक, तोरवा) को दे दिए। पैसे की सुरक्षा के लिए जावेद की पत्नी सीमा सोनी के खाते का चेक भी दिया गया था।
जब लंबे समय तक कोई नौकरी नहीं मिली और पैसे भी नहीं लौटाए गए, तब सूर्यकांत ने तखतपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के बाद 29 जून को पुलिस ने अनीश के पिता विष्णु राजपूत, जावेद की पत्नी सीमा सोनी और खुद सूर्यकांत जायसवाल को धोखाधड़ी (IPC की धारा 420) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जावेद खान पहले से ही एक अन्य ठगी के मामले में बिलासपुर जेल में बंद है।
तखतपुर थाना प्रभारी अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह मामला इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें नौकरी के लालच में अवैध रूप से पैसा देने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। इस कदम से आम लोगों में यह संदेश जाएगा कि सरकारी कार्यों के लिए हमेशा वैधानिक प्रक्रिया का ही पालन करें और किसी के झांसे में आकर ठगी का शिकार न बनें।