भगोड़े कैदी ने मंदिर में चढ़ाया जेल का दरवाजा, अजीब है यहां की मान्यता

राजस्थान। भीलवाड़ा के एक मंदिर में जेल से भागे कैदी ने जेल के गेट का टूटा हिस्सा चढ़ाया है। जिसके बाद हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है। राजस्थान के भीलवाड़ा बेंगू तहसील में माता का यह मंदिर स्थित है।
चित्तौड़गढ़ जिले से 85 किलोमीटर दूर राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा से लगते उपरमाल पठार के दक्षिणी छोर पर पहाड़ी और सौंदर्य के बीच प्राचीन जोगणिया माता का मंदिर है। मान्यता है कि जेल से भागे कैदी इस मंदिर में हथकड़ी चढ़ाते हैं, लेकिन एक कैदी ने हथकड़ी की जगह जेल के गेट का टूटा हिस्सा ही मंदिर में चढ़ा दिया। हालांकि किस कैदी ने जेल के गेट का हिस्सा मंदिर में चढ़ाया है, यह पता नहीं चल पाया है। लोगों का मानना है कि कोई अपराधी जेल से भागने में सफल रहा होगा, इसलिए उसने जेल के गेट का हिस्सा माता को खुश करने के लिए चढ़ाया है।
इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के लगभग माना जाता है। मान्यता है कि यहां पहले अन्नूपर्णा देवी का मंदिर हुआ करता था। हालांकि अन्नपूर्णा की बजाय जोगणिया माता के नाम से यह शक्ति पीठ प्रसिद्ध हुआ। मंदिर परिसर में आपको ढेर सारी लटकी हुई हथकड़ियां दिख जाएंगी, जिनके बारे में कहा जाता है कि वारदात को अंजाम देने से पहले चोर और डाकू माता का आशीर्वाद लिया करते थे। इसके बाद वह पुलिस के चंगुल से फरार हो जाते हैं। पुलिस के चंगुल से छूटने के बाद जब वह वापस मां के दरबार में पहुंचते थे तो उनके हाथों में लगी बेड़ियां अपने आप ही खुल जाया करती हैं।