
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की जेलों में इस बार भी रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पाएंगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल मुख्यालय ने पिछले दो साल की तरह इस बार भी कैदी भाइयों के लिए रक्षा-बंधन पर्व का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है। बहनों के लिए जेल प्रबंधन ने परिसर के बाहर बाक्स लगा दिया है, जहां लिफाफों में अपने भाइयों के लिए राखी रख सकेंगी।
जेल परिसर में नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग बाक्स रखे जाएंगे। इसमें कैदियों की बहनें अपने भाइयों के नाम-पता लिखकर राखी बाक्स डालेंगी। लिफाफों में राखी के साथ टीका और चावल दे सकती हैं। उन्हें पूरी तरह सैनिटाइज कर बंदियों को तक पहुंचाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के पहले रक्षाबंधन पर्व पर कैदियों और उनकी बहनों के लिए रक्षाबंधन पर्व मनाने के लिए जेल प्रशासन को विशेष इंतजाम करना पड़ता था और उनके मुलाकात की व्यवस्था भी कराई जाती थी। कोरोना महामारी फैलने के पहले प्रजापिता ब्रम्हकुमारी सहित शहर के दूसरी स्वयंसेवी संस्थाओं की महिला पदाधिकारी और कार्यकर्ता जेल में जाकर कैदियों के साथ रक्षाबंधन पर्व मनाती थीं। कोरोना संक्रमण के चलते जेल प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं के जेल में रक्षाबंधन पर्व मनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में कैदी भाइयों को खुद से अपनी बहनों के भेजे हुए राखियों को बांधना पड़ेगा।