
जयपुर । जम्मू कश्मीर की सीमा पर शहीद (Martyr) भाई की आखिरी विदाई (last farewell) के वक्त बहन सीमा ने अपने दुपट्टे को फाड़कर उसकी राखी शहीद वीर की कलाई पर बांधकर अंतिम सफर के लिए विदा किया। बहन सीमा ने फफकते हुए अपने शहीद भाई राजीव सिंह को आखिरी सैल्यूट किया और पूरी ताकत से भारत माता की जय बोलकर जमीन पर गिरी और बेहोश हो गई ।
10 साल के बेटे ने ये सौगंध खाई:
बुआ के बाद अब बारी आई 10 साल के बेटे अधिराज सिंह की। मुखग्नि देने के पहले उसने अपने पिता का सिर पकड़कर सौगंध (Saugandh) खाई कि वो सेना में भर्ती होकर पाकिस्तानी आतंकवादियों को सबक सिखाएगा। अधिराज सिंह ने जैसे ही पिता को आखिरी सलामी दी लोगों की आंखें भर आईं।
8 फरवरी को हुए थे शहीद:
8 फरवरी को जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की नापाक फायरिंग में राजीव सिंह शहीद हो गए थे। तिरंगे में लिपटा उनका ताबूत गांवों की उन गलियों से होकर गुजरा जहां वे अक्सर खेला करते थे। गांव का हर कोई अपने जांबाज बेटे की एक झलक पाने को बेताब दिखाई दिया।
15 किलोमीटर तक कंधे पर ढोकर लाए अपना लाल:
लुहाकना के ग्रामीणों के जज्बे को भी हमारा सैल्यूट कि उन लोगों ने अपने जांबाज लाल राजीव सिंह के पार्थिव शरीर को प्रागपुरा से लुहाकना तक कंधे पर ढोकर लाए। इस दौरान भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे लगते रहे। इस रेले में बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। लोगों की कतार लगातार लंबी ही होती जा रही थी।
श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई:
श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अमर शहीद राजीव सिंह को अंतिम विदाई दी गई। जहां पुलिस ने मातमी धुन बजाई और शस्त्र नीचे कर अपने गम का इजहार किया।
शहीद राजीव सिंह के पिता भी थे फौजी:
पिता को मुखग्नि देने के बाद 10 साल के अधिराज सिंह ने कहा उसके दादा भी फौजी (militaryman,) थे। वह सेना में भर्ती होकर आतंकवादियों को सबक सिखाएगा।