
नई दिल्ली : आज सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. चित्रा नक्षत्र, बव करण, शुभ योग और पूर्व दिशाशूल है. श्रावण मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. सावन सोमवार के दिन शिव जी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित होता है. इस बार दुर्लभ संयोग से सावन का सातवां सोमवार व्रत और नाग पंचमी एक ही दिन यानी आज मनाई जाएगी. अधिकमास समाप्त हो चुका है और श्रावण शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से शुरू हो गया है. कुल 8 सावन सोमवार व्रत किया जाएगा, जिसमें से आज सातवां सावन सोमवार का व्रत शिव भक्त रखेंगे. आज का ये दिन बेहद खास इसलिए भी है, क्योंकि नाग पंचमी भी मनाई जाएगी. मान्यता है कि यदि विधि-विधान के अनुसार शंकर जी और मां पार्वती की पूजा की जाए, व्रत रखा जाए तो सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. सुखी वैवाहिक जीवन बीतता है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
24 साल बाद सावन सोमवार पर नाग पंचमी
21 अगस्त 2023 को सावन के 7वें सोमवार पर नाग पंचमी भी रहेगी. साथ ही इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं. 21 अगस्त को शुभ नामक योग बनेगा और चित्रा नक्षत्र भी रहेगी. इस साल नाग पंचमी का पर्व अधिकमास के बाद और सावन सोमवार के दिन पड़ रहा है. माना जा रहा है कि ऐसा संयोग पूरे 24 साल बाद बना है.
नाग पंचमी पूजन विधि
नाग पंचमी का पर्व भगवान शिव के प्रिय नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है। पूजन के लिए घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की आठ आकृतियां बनाकर हल्दी, रोली, चावल, घी, कच्चा दूध, फूल एवं जल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। इस दिन एक दिन पूर्व बनाए गए भोजन का भोग लगाने का विधान है। इसके अलावा शिवालयों में भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले तांबे के नाग की भी पूजा की जाती है। पूजन के बाद नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।
नाग पंचमी 2023 और उपाय
– जिन लोगों की कुंडली में अगर कालसर्प दोष होता है तो उन्हें नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें।
– नाग पंचमी के दिन चांदाी से बने नाग-नागिन की पूजा करे और इसके बाद इसे बहते हुए जल में अर्पित कर दें।
– कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
सावन सोमवार और नाग पंचमी पर शुभ योग और पूजा मुहूर्त
शुभ योग: 20 अगस्त 2023 रात 09:59 से 21 अगस्त 2023 रात 10:21 तक
शुक्ल योग: 21 अगस्त 2023 रात 10:21 से 22 अगस्त 2023 रात 10:18 तक
पूजा मुहूर्त: 21 अगस्त 2023 सुबह 06:21 से सुबह 08:53 तक
उत्तम मुहूर्त: 21 अगस्त 2023 सुबह 09:31 से सुबह 11:06 तक
प्रदोष काल मुहूर्त: 21 अगस्त 2023 शाम 05:27 से रात 08:27 तक