
कोरबा : 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा में कार्यरत एक चालक के साथ गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। सेवा के दौरान दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए इस चालक को पिछले छह महीने से मुआवजे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। न इलाज के लिए मदद मिली, न ही अब तक कोई आर्थिक सहायता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसे में चालक की एक आंख खराब हो गई और उसका पैर भी टूट गया। इतने गंभीर हादसे के बावजूद कंपनी ने न तो उसके इलाज में कोई सहायता की और न ही मुआवजे की राशि प्रदान की। पीड़ित चालक ने बताया कि उसे इलाज के लिए कर्ज तक लेना पड़ा। इस हादसे के चलते घर की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई है और बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ा है।
चालक का आरोप है कि जब भी वह मुआवजे की मांग करता है, तो उसे धमकाया जाता है। कंपनी के अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद आज तक कोई मदद नहीं मिली है।
यह मामला महज एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं, बल्कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा और अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।