
पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा इलाके में जहरीली शराब पीने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ितों को अमृतसर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह दुखद घटना भुल्लर, टांगरा और संधा गांवों में सामने आई है। मरने वाले अधिकतर मजदूर हैं, जो गांवों के ईंट-भट्ठों पर काम करते थे।
पुलिस का एक्शन, मास्टरमाइंड गिरफ्तार
घटना के बाद पंजाब पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नकली शराब सप्लाई करने वाले मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ ही चार अन्य आरोपियों — कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू, साहिब सिंह उर्फ सराय, गुर्जंत सिंह और निंदर कौर (पत्नी जीता) — को भी पकड़ा गया है। इन सभी पर धारा 105 BNS और 61A एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लोगों की हालत नाजुक, परिवारों में मातम
शराब पीने के बाद कई लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, कुछ पीड़ित तो बोलने की हालत में भी नहीं हैं। सबसे ज्यादा मौतें मारारी कलां गांव में हुई हैं, जहां एक ही गांव से चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है और कई लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
पंजाब सरकार ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पूरे राज्य में चल रहे नकली शराब के कारोबार की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही मजीठा कांड में अब तक कुल पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जहरीली शराब से पहले भी हुई हैं मौतें
यह पहला मामला नहीं है जब पंजाब में जहरीली शराब ने लोगों की जान ली हो। पिछले साल मार्च में संगरूर में 21 लोगों की मौत इसी कारण हुई थी, जबकि वर्ष 2020 में तरनतारन में जहरीली शराब ने 50 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। इन घटनाओं ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था और प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे।
सरकार की सख्ती और कार्रवाई के बावजूद नकली शराब का धंधा थम नहीं रहा है, जिससे लोगों की जान पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।