सिलगेर कैंप पर हमले के बाद पांच ग्रामीण लापता, जानिए पूरा मामला

जगदलपुर। बीजापुर व सुकमा जिले की सरहद में 12 मई को स्थापित पुलिस कैम्प के विरोध में हुई गोलीबारी के बाद मिले तीन शव की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। इधर, आसपास के ग्रामीणों ने हमले के बाद से पांच ग्रामीणों के गायब होने का दावा किया है। इस पर पुलिस अफसरों ने कहा कि घटना के बाद संदिग्ध परिस्थिति में मिले 8 को पूछताछ के लिए हमने हिरासत में लिया है।
पुलिस को संदेह है कि हिरासत में लिए गए लोग नक्सल संगठन से जुड़े हो सकते हैं। पकड़े गए लोग पेद्दा गलूर, सुकवाई, मंडी मरका और पालागुड़ा के बताए जा रहे हैं। इलाके में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए बस्तर आईजी, सीआरपीएफ आईजी व दोनों जिले के कलेक्टर व एसपी सोमवार मौके पर पहुंच ग्रामीणों से चर्चा की। जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में बताई गई है।
आईजी सुंदरराज पी ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि कैम्प खुलने के बाद 14 मई से ग्रामीण पुलिस के सम्पर्क में आकर कैम्प के सबंधं में पूछ रहे थे। उन्हें बताया जा रहा था कि कैम्प आपकी सुरक्षा व क्षेत्र के विकास के लिए खोला जा रहा है। समझाइश के बाद 16 मई को ग्रामीण वापस लौट गए थे, लेकिन 17 मई को ग्रामीण पुनरू विरोध प्रदर्शन करने के लिए आ गए ग्रामीणों से बात हो रही थी, तभी फायरिंग शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि फायरिंग में मारे गए तीनों शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है। सिलगेर गांव के ग्रामीणों ने शव को देखकर बताया कि मारे गए लोग सिलगेर के नहीं है। शिनाख्त के लिए अन्य गांव से भी सम्पर्क किया जा रहा है। इस हमले में एक ग्रामीण घायल हुआ था, जिसका उपचार किया जा रहा है।