
बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक से एक समर कैंप में छात्राओं से झाड़ू-पोछा और सफाई कराने का मामला सामने आया है। खैरा संकुल के कोइलारी पारा स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें गर्मियों की छुट्टियों में लगाए गए समर कैंप के दौरान छात्राएं साफ-सफाई करती नजर आ रही हैं। इस घटना ने शिक्षा विभाग की मंशा और समर कैंप के उद्देश्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झाड़ू और वाइपर थमाकर काम कराया
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्राएं झाड़ू और वाइपर लेकर स्कूल परिसर की सफाई कर रही हैं। जबकि समर कैंप का उद्देश्य बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों, खेल-कूद, ड्राइंग-पेंटिंग जैसी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करना है।
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हेडमास्टर ने दी सफाई
स्कूल के हेडमास्टर राम सिंह आर्मो ने सफाई देते हुए कहा कि वे स्कूल देर से पहुंचे थे और स्वीपर उस दिन अनुपस्थित था। ऐसे में बच्चों ने खुद से सफाई शुरू कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि छात्राओं को काम करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था।
गिनती के छात्र, सवालों में समर कैंप की व्यवस्था
मामले में यह भी सामने आया कि समर कैंप में केवल गिनती के छात्र पहुंचे थे, जिनमें अधिकतर छात्राएं थीं। ऐसी स्थिति में कैंप में अपेक्षित गतिविधियों के बजाय साफ-सफाई करवाना न सिर्फ व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार भी माना जा रहा है।
अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या भविष्य में समर कैंप की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।