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छत्तीसगढ़

बालोद में शिक्षकों की काउंसिलिंग से डीईओ हटाए गए, सहायक परियोजना अधिकारी को सौंपी गई जिम्मेदारी

 

रायपुर : बालोद जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तिकरण (Rationalization) की प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को काउंसिलिंग प्रक्रिया से हटा दिया गया है। कलेक्टर दिव्या मिश्रा ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए समग्र शिक्षा बालोद के सहायक परियोजना अधिकारी द्वारिका प्रसाद कोसरे को पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी है।

 

डीईओ के अवकाश से प्रभावित हो रहा था कार्य

बालोद के डीईओ 25 मई से अवकाश पर हैं और अब तक कार्यालय नहीं लौटे हैं। उनके अनुपस्थित रहने के कारण युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में लगातार विलंब हो रहा था, जिससे शिक्षकों की काउंसिलिंग का काम प्रभावित हो रहा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा।

 

कलेक्टर ने खुद संभाली थी प्रक्रिया

पिछले चार दिनों से कलेक्टर दिव्या मिश्रा शिक्षकों की काउंसिलिंग से जुड़ी फाइलों की समीक्षा कर रही थीं। यहां तक कि रविवार के अवकाश के दिन भी उन्होंने युक्तियुक्तकरण का कार्य जारी रखा, जिससे तय समयसीमा में प्रक्रिया पूरी की जा सके।

डीपीआई के निर्देशों ने बढ़ाया दबाव

शिक्षा संचालनालय (DPI) ने हाल ही में एक पत्र जारी कर प्रदेश के सभी डीईओ और संभागीय संयुक्त संचालकों को निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद उनकी सूची बंद लिफाफे में तय समयसीमा के भीतर भेजी जाए। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया कि समय पर कार्य पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। यही कारण माना जा रहा है कि कलेक्टर ने समय पर काम पूरा करने के लिए नई जिम्मेदारी का वितरण किया है।

अब यह उम्मीद की जा रही है कि सहायक परियोजना अधिकारी द्वारिका प्रसाद कोसरे के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया तय समय पर पूरी की जा सकेगी, जिससे शिक्षकों के कार्यस्थल निर्धारण में कोई विलंब न हो।

 

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