IAS रानू साहु और सुर्यकांत तिवारी को हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

बिलासपुरः कोयला घोटाले में जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहु और भूपेश बघेल के करीबी सुर्यकांत तिवारी को तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट में न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
क्या है कोयला घोटाला
करीब 570 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था।
इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था। उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।
दो IAS समेत दर्जन भर जेल में
निलंबित IAS रानू साहू और समीर बिश्नोई, पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्य चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, संदीप नायक, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल जेल में बंद हैं।
आरोप है कि पूरे मामले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को पूर्व CM भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया का संरक्षण प्राप्त था। छकोयला घोटाले मामले में ED के प्रतिवेदन पर ACB /EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, दो विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है।