अम्बिकापुर/रोमी सिद्दीकी। अंबिकापुर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित जिला बलरामपुर के ग्राम बरियो में डेढ़ वर्ष पूर्व हुई एक आदिवासी युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले में अब छत्तीसगढ़ शासन के अनुसूचितजाति जनजाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में आज अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ग्राम बरियों निवासी लक्ष्मनिया और उनकी पोती के द्वारा आयोग में शिकायत किया गया है कि लक्ष्मनिया के पुत्र शिवनारायण 17 जुन 2020 से अचानक लापता हो गया था. फिर 2 दिन के पश्चात उन्हें यह सूचना मिला की उनके जमीन से लगे क्रेशर प्लांट जो कि राजपुर निवासी विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ का है. उसमें एक युवक की क्षत-विक्षत लाश मिली है जो संभवत शिवनारायण की है. परिजनों ने लाश लेने से इनकार करते हुए यह कहा कि यह लाश शिवनारायण की नहीं है इसके पश्चात क्षेत्र के संबंधित चौकी प्रभारी व उनकी टीम के द्वारा उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने बनाया दबाव
पत्रकार वार्ता में अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़ितों ने अपने बयान में यह भी दर्ज कराया है कि घटना के पश्चात लगातार पुलिस के द्वारा उनके घर में आकर उनपे दबाव बनाया जाता था कि वे स्वीकार कर लें कि जो लाश प्लांट में मिली है वह शिवनारायण की है इसके बावजूद पीड़ितों के द्वारा यह नही माना इसके पश्चात पुलिस ने शव का डीएनए टेस्ट कराया 5 माह पश्चात रिपोर्ट आने पर यह कंफर्म हो गया कि उक्त शव शिवनारायण की ही है। श्री सिंह ने पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस की जांच रिपोर्ट भी संदिग्ध है. उस समय के चौकी प्रभारी के द्वारा सही तरीके से इस मामले की जांच नहीं की गई है ऐसा प्रतीत होता है. वही पीड़ितों का यह भी कहना है कि जिस क्रेशर प्लांट में उक्त घटना घटी है वहां पहले सीसीटीवी कैमरा लगा रहता था जो अब नहीं है।
क्रेशर प्लांट के मालिक के द्वारा दिया गया था धमकी
इस पूरे मामले में मृतक की मां लक्ष्मीनिया ने आयोग को जो बयान दिया है. उसमें यह भी कहा है कि विनोद अग्रवाल का क्रेशर प्लांट उनकी जमीन से लगा हुआ है. क्रेशर प्लांट से कॉफी डस्ट उड़ने के कारण उनकी फसल में इसका असर पड़ा था. जिसे लेकर मृतक शिवनारायण विनोद अग्रवाल के पास गया था और इसकी रोकथाम करने की बात कही थी जिस पर विनोद अग्रवाल ने उसे जमीन बेचने की बात कही थी. पीड़िता लक्ष्मीनिया ने बताया कि वे गरीब आदिवासी हैं उनके पास जो जमीन है वही उनके जीवन उपार्जन के लिए है. ऐसे में उन्होंने जमीन बेचने से मना कर दिया था किस बात से नाराज होकर विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ ने शिवनारायण को क्रेशर में डाल कर हत्या करने की धमकी भी दी थी।